Thursday, 25 May 2017

महत्वपूर्ण G.K Shortcut Trickk

(1) हॉकी से सम्बंधित कप एवं ट्रॉफियाँ:- RD BARMAN
R:-रंगास्वामी कप
D:-ध्यानचंद ट्रॉफी
B:-बेगम रसूल बैहम कप
A:-आँगा खाँ कप
R:-राजा रणजीत सिंह ट्रॉफी
M:-मरुगप्पा कप
A:-अजलांशाह कप
N:-नेहरू ट्रॉफी
NOTE:-नेहरू कप(बॉस्केटबाल), नेहरूगोल्डन कप (फुटबॉल)
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(2) क्रिकेट से सम्बंधित कप एवं ट्रॉफी;-Trick:-दिवार के हीरो आईएना
दि:-देवधर ट्रॉफी/दिलीप ट्रॉफी
वार:-वर्ल्ड कप,विल्स कप
के:-कूचबिहार कप
हि:-हिरोकप
रो:-रोहिंटन ट्रॉफी
आ:-आई.सी.सी.चैंपियन ट्रॉफी
ई:-ईरानी ट्रॉफी
ए:-एशेज कप
ना:-नायडू ट्रॉफी
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(3) कौन-कौन-सी देश की मुद्रा डॉलर हैं:-Trick-सीता जी वन से कहाँ आए
सी:-सिंगापूर
ता:-ताइवान
जी:-जिम्बाबे
व:-वरमुडा
न:-न्यूजीलैंड
से:-सेंटलुइश्
क:-कनाडा
हाँ:-हांगकांग
आ:-ऑस्ट्रेलिया
ए:-अमेरिका
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(4) रुपया कहाँ-2 की मुद्रा हैं:-Trick:-भारत से मामा श्री ने पाई रुपया
भारत:-भारत
से:-शेशेल्स
मा:-मालदीव
मा:-मॉरीशस
श्री:-श्रीलंका
ने:-नेपाल
पा:-पाकिस्तान
ई:-इंडोनेशिया
.......रुपया...........
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(5) क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सर्वाधिक बड़ा देश Trick:-रुक चीन अब आ भारत
रु:-रूस
क:-कनाडा
चीन:-चीन
अ:-अमेरिका
ब:-ब्राजील
आ:-आस्ट्रेलिया
भारत:-भारत
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(6) बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली भारत की प्रमुख नदी:-Trick:-ब्रह्मा की गोद में गंगा
ब्रह्मा:-ब्रह्मा
की:-कृष्णा,कावेरी
गोद:-गोदावरी
में:-महानदी
गंगा:-गंगा
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(7) खंभात की खाड़ी में गिरने वाली नदी:-Trick:-माशताना
म:-माहि
श:-सावरमति
ता:-ताप्ती
ना:-नर्मदा
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(8) प्रशांत महासागर में गिरने वाली नदी Trick:-HACY
H:-ह्वानगहो
A:-अमूर
C:-सिंक्यांग
Y:-यांग-टी-सिंक्यांग
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(9) अदिश राशि कौन-कौन हैं:- Trick:-उसका दाल msc से आता हैं:-
उ:-ऊर्जा
स:-समय
का:-कार्य
दा:-दाब
ल:-लम्बाई
m:-mass
s:-speed
c:-current
......से....(silent)
आ:-आयतन
ता:-ताप
.......हैं.......(silent)
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(10) सदिश राशि हैं:- Trick:-असं भवि वे बत्व
अ:-आवेग
सं:-संवेग
भा:-भार
वि:-विस्थापन
वे:-वेग
ब:-बल
त्व:-त्वरण
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(11) G-8 के सदस्य देश:- Trick:-जीजा कई बार फ्रांस आए
जी:-जर्मनी
जा:-जापान
क:-कनाडा
ई:-इटली
बा:-ब्रिटेन
र:-रूस
फ्रांस:-फ्रांस
आए:-आस्ट्रेलिया
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(12) OPEC(ओपेक) के संस्थापक देश:- Trick:-VISKI
V:-वेनेजुएला
I:-ईरान
S:-सऊदी अरब
K:-कुवैत
I:-इराक
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(13) संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्थायी सदस्य देश:- Trick:-FRACE(फ्रेश)
F:-France
R:-Russia
A:-Ameri
C:-China
E:-England
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GK TRICK
बाबर के द्वारा भारत में प्रमुख घटनाक्रम -Trick : ” 26 में पानी पिया 27 में खाना खाया 28 में चल दिया 29 में घर गया 30 में मर गया।”
1. 1526– पानीपत का पहला युद्ध — इब्राहिम लोदी
2. 1527– खानवा कायुद्ध — राणा सांगा
3. 1528– चन्देरी कायुद्ध — मेदिनी राय
4. 1529– घाग्गरा कायुद्ध — महमूद लोदी
5. 1530– बाबरकीमृत्य
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महमूद गजनवी के समय के विद्वान - Trick : FUFA
1. F – फारूखी
2. U – उत्बी
3. F – फिरदौसी
4. A – अलबरूनी।
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शाहजहां ने क्या- क्या बनबाया- Trick :- मत जा रेशमा दिवानी -
म -----मयुर सिन्हासन
त------ ताजमहल
जा ---- जामा मस्जिद
रे ------ रेशमा बाग
श------ शाहजहां बाग
मा----- मोती मस्जिद
दिवानी--दिवाने आम, दिवाने खास
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CRICKET TROPHY TRICK- ट्रिक -NADIR SHAH
N---- नायडू ट्राफी
A-----एशेज कप
D-----दिलीप ट्राफी
I------ईरानी ट्राफी
R-----रणजी ट्राफी
SHA--शारजाह कप
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» GK Trick : उन सब मुख्य 9 नदियोँ की है जो "अरब सागर" मेँ गिरती है
*Trick- "सालू की माँ भानमती सोजा"
<br> Fact- की, मती Silent word है
<br> अब मेँ Trick का सन्धि विच्छेद करता हूँ!
सा+लू= *सा=साबरमती
*लू=लूनी
की=Silent word
माँ-*माँ=माँडवी
*मा=माही
भा+न+मती=
*भा=भारतपुझा/ पोन्नानी नदी (केरल की सबसे लंबी नदी)
*न=नर्मदा
*मती=Silent word
सो+जा=
*सो=सोम
*जा=जाखम, जवाई
1. साबरमती
2. लूनी
3. माँडवी
4. माही
5. भारतपुझा या पोन्नानी
6. नर्मदा
7. सोम
8. जाखम
9. जवाई
यह सभी 9 नदियाँ "अरब सागर" मेँ जाकर गिरती है और इनके अलावा जो भी "गैर हिमालयी नदियाँ" बची है वह सभी बंगाल की खाड़ी मेँ जाकर गिरती है!
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नेत्र रोग
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नेत्र को प्रभावित करने वाले रोगों को निम्न TRICKS के माध्यम से याद रखें
___मोती के ट्रे में गोल जीरो एल्वी
मोतियाबिंद(कैटैरेक्ट )
ट्रेकोमा
जीरोपैथ्लमिया
केरेटोमेलेशिया
ग्लूकोमा
एल्वीनिज्म
--
नेत्र रोगों का अध्ययन आप्थेल्मोलाजी कहलाता है ।
नेत्र की जांच हेतु स्टीरियोस्कोप यंत्र का उपयोग किया जाता है ।
ग्लूकोमा को कांचबिंदु या काला मोतिया भी कहते है ।
रतौंधी (Night blindness)रोग विटामिन A की कमी से

Thursday, 11 May 2017

वायुमंडल की संरचना एवं संघटन(Geography)




  वायुमंडल की संरचना एवं संघटन

कृत्रिम उपग्रहों के ध्वनि के आधार पर पता लगाया गया है कि वायुमंडल की ऊंचाई 80000- 82000 किलोमीटर तक है यह तिन प्रकार के अवयवों से बना है गैस,धूलकण तथा जल वाष्प से |

हल्के गैस अर्थात हाइड्रोजन और हीलियम ऊपर तथा भारी गैस अर्थात कार्बन डाई ऑक्साइड ऑक्सीजन नीचे के स्तर में स्थित होते हैं ऊपरी और निचले वायुमंडल की विभाजक रेखा 90 किलोमीटर ऊंचाई है अर्थात 90 किलोमीटर ऊंचाई तक सम वायुमंडल है यहां सभी  गैसों की अनुपात बराबर है लेकिन 90 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई वाला वायुमंडल विषम वायुमंडल है यहां गैसीय अनुपात विषम है 97% वायुमंडलीय भार मात्र 29 किलोमीटर की ऊंचाई तक है 50% वायुमंडलीय भार मात्र 5.484 किलोमीटर की ऊंचाई तक है 29 किलोमीटर ऊंचाई तक गैसीय अनुपात में कोई अंतर नहीं होता है 29 किलोमीटर की ऊंचाई तक शुष्क वायुमंडल में 99.98%  नाइट्रोजन,आक्सीजन,आर्गन,कार्बन डाइऑक्साइड, है | ओजोन की उपस्थिति 18 - 35 किलोमीटर के बीच है |यह यह पराबैंगनी किरणों को सोखती है|ओजोन की उपस्थिति ताप मंडल में भी है वर्तमान समय में ओजोन परत में पतन की  प्रकृति प्रारंभ हुई है जो मुख्यतः अंटार्कटिक और आर्कटिक क्षेत्रों में देखने को मिलती है जिसका प्रमुख कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस है निचले वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड की वृद्धि हो रही है  इसका भी प्रतिकूल प्रभाव वायुमंडल पर पड़ा| इसी के प्रभाव से वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की छतरी नुमा आकृति बन गई |

वर्तमान समय में वायुमंडल की निचली सीमा में कार्बन डाई ऑक्साइड की उपस्थिति 0.03% है लेकिन  अगले कुछ वर्षों में यह 0.04%  हो जाएगा | इतना होने पर समुद्र की सतह 8 - 9 मीटर ऊपर उठ जाएगा |

ऊपरी वायुमंडल 90 -10000 किलोमीटर के बीच की स्थिति है यहाँ गैसीय परत पाया जाता है जिसमें अलग-अलग ऊंचाई पर नाइट्रोजन,हीलियम एवं हाइड्रोजन के परत पाए जाते हैं |

धूलकण  दो प्रकार के होते हैं पार्थिव धूलकण  तथा प्रमाणिक धूलकंण |
पार्थिव धूलकण- पार्थिव धूलकण पृथ्वी की सतह से प्राप्त होने वाला धूलकण है जो मुख्य सतह से अधिक से अधिक 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है |
पार्थिव धूलकण की सघनता से ही बादलों का भी निर्माण होता है |
इनसे उपस्थिति का बहुत बड़ा कारण जलवाष्प है|

प्रमाणिक धूलकंण-प्रमाणिक धूलकंण 50-100 किलोमीटर के बीच उपस्थित होते हैं उपस्थिति का मुख्य कारण ब्रह्मांडीय कणों का टूटना है धूलकंण की उपस्थिति मुख्यता निचले वायुमंडल में ही है |

जलवाष्प भी वायुमंडल के निर्माण में भूमिका निभाती है यह मुख्यता 12 किलोमीटर पाई जाती है जलवाष्प के रूप में संपूर्ण स्वच्छ जल का 0.035% वायुमंडल में उपस्थित है|वायुमंडल में जल गैसीय,हिमकणों तथा जल के बूंदों की अवस्था में है |वायुमंडल में इसका अधिवास अस्थाई होता है क्योंकि वायुमंडल में तापमान में वृद्धि तथा संघनन और वर्षा के रूप में नीचे गिरने से मात्रा घटती है |
जलवाष्प का सबसे बड़ा स्रोत समुद्री क्षेत्र है जलवाष्प मध्य मंडल में भी पाया जाता है इसी कारण से मध्य मंडल में नौकटी लुसेंट बादल बनते हैं जो सर्वाधिक ऊंचाई के बादल हैं| ये जलवाष्प के कण जेट हवाओं द्वारा समताप मंडल में भ्रमण करते हैं और वहां से अधिक तापीय प्रभाव के कारण मध्यमंडल में चले जाते हैं |
मध्यमंडल की विशेषता है कि वहाँ तापीय  गिरावट होती है जिसके कारण वे संतृप्त वायु का रूप लेकर हिमकण में बदल जाते हैं और यह हिम कम ही सर्वाधिक ऊंचाई के बादल समूह का निर्माण करते हैं|
वायुमंडल के संरचनात्मक विशेषता भी है इसमें तापीय स्तर पाया जाता है तापीय स्तर को छह वर्गों में विभाजित किया गया है जो NASA द्वारा जारी तालिका से स्पष्ट होता है|


मंडल                                           ऊंचाई                                                      विशेषता

(1.)क्षोभमंडल                                          18 km                                                   तापमान घटता है
    क्षोभ सीमा                                         1.5 km  चौड़ा
(2.)समताप मंडल                                     50 km                                                  तापमान समान रहता है
    समताप सीमा                                     5 km  तक चौड़ा                                     
(3.) मध्य मंडल                                        80 km                                                    ताप घटता है
     मध्य सीमा                                        10 km  चौड़ा                              
(4.) ताप मंडल                                          500 km                                                  तापमान बढ़ता है
      ताप सीमा                                         10 km  तक चौड़ा                                     
(5.)   बहिर्मंडल                                         2000 km                                                 ताप बढ़ता है
(6.) चुंबकीय मंडल                                     80000 km                                               ताप बढ़ता है

                        श्रोत-  नासा द्वारा जारी रिपोर्ट |
                                     

                                                         क्षोभमंडल   
क्षोभ मंडल की ऊंचाई 18 km तक है इसमें ऊंचाई के साथ तापमान घटता है इसी मंडल में मौसम संबंधी सभी क्रियाएं होती है जैसे बादलों का निर्माण,बिजली चमकना,आंधी-तूफान इत्यादि अतः इस मंडल को परिवर्तन मंडल भी कहा जाता है इस के ऊपरी सीमा पर ही जेट हवाएं चलती है जिसका प्रभाव क्षोभ सीमा तथा समताप मंडल में भी देखने को मिलता है |
क्षोभमंडल के ऊपरी भाग में 1.5 km की चौड़ाई में  क्षोभसीमा पाया जाता है क्षोभसीमा में क्षोभ मंडल तथा समताप मंडल दोनों की ही विशेषताएं पाई जाती हैं|


                                  समताप मंडल
यह 50 km की ऊंचाई तक पाया जाता है इस में तापमान एक समान होते हैं इसी मंडल में ओजोन की उपस्थिति होती है |वह क्षेत्र जहां ओजोन मंडल पाए जाते हैं तापमान तुलनात्मक दृष्टि से अधिक पाया जाता है|

समताप मंडल और मध्य मंडल के बीच 5 किलोमीटर की चौड़ाई में समताप सीमा पाई जाती हैं जिसमें समताप मंडल और मध्य मंडल दोनों की विशेषताएं उपस्थित होती है|


                                                        मध्य मंडल
यह 80 km की ऊंचाई तक पाया जाता है इस में ऊंचाई के साथ तापमान घटता है इसी मंडल में नौकटी लुसेंट बादल का निर्माण होता है जो सर्वाधिक ऊंचाई का बादल है |
 मध्य मंडल और  ताप मंडल के बीच 10 किलोमीटर की चौड़ाई में मध्य सीमा पाया जाता है जिसमें मध्य मंडल और ताप मंडल दोनों की विशेषताएं पाई जाती है|


                                                        ताप मंडल
यह 500 km की ऊंचाई तक पाया जाता है इसमें ऊंचाई के साथ तापमान में वृद्धि होती है इसी मंडल में ऊंचे अक्षांशों पर चमकते हुए रोशनी दिखाई देती है जिसे उत्तरी गोलार्ध में अरोरा बोरोलीन और दक्षिणी गोलार्ध में अरोरा  ऑस्ट्रेलिस कहते हैं|
यह वस्तुतः प्रकाश है जो 300 - 380 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच चमकती है  इसका रंग लाल और हरा है|


                                                       बहिर्मंडल


यह 200 किलो मीटर की ऊंचाई तक विस्तृत है इसमें ऊंचाई के साथ तापमान बढ़ता है इस में ऑक्सीजन,  हीलियम और सिलिकॉन के परमाणु पाए जाते हैं|


                                                   चुंबकीय मंडल
यह 80000 किलोमीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है इस में ऊंचाई के साथ तापमान में वृद्धि होती है इसमें इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटोन की बहुलता है जो क्रमश:   ऋणात्मक और धनात्मक विधुत आवेशों से प्रभावित होते हैं|
इस मंडल का पर्याप्त अध्ययन नहीं हो सका है हाल के वर्षों में ऐसा पाया गया है कि सूर्य के सतह पर उठने वाला तूफान के समय चुंबकीय मंडल के तापमान में वृद्धि होती है| और उसका प्रभाव अन्य तापीय स्तर पर पड़ता है |अतः मौसम वैज्ञानिकों द्वारा चुंबकीय मंडल के अध्ययन को प्राथमिकता दी जा रही है  विद्वानों के अनुसार मौसम के दीर्घकालीन भविष्यवाणी में यह अधिक लाभकारी सिद्ध होगी|






Monday, 8 May 2017

UP Police vacancy details in hindi.



12वीं पास के लिए Up Police में भर्तियाँ

DC9ks0Hh.jpg

पदों का विवरण : कंप्यूटर ऑपरेटर
कुल  पदों की संख्या :666
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आयु सीमा :18 से 28 वर्ष

शैक्षणिक योग्यता :गणित एवं भौतिकी विषयों के साथ इंटरमीडिएट परीक्षा पास “o” लेवल परीक्षा या समकक्ष परीक्षा पास |

अंतिम तिथि : 17 जून 2017

आवेदन शुल्क :सभी -वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 400 रुपए ऑनलाइन जमा कर सकते हैं |

यहाँ से करें आवेदन :  www.prpb.gov.in

Sunday, 7 May 2017

JSSC VACANCY DETAILS

JSSC Recruitment 2017 – Apply Online for 2808 Panchyat Secretary, LDC & Steno PostsJharkhand Staff Selection Commission (JSSC) has published notification to conduct Intermediate Std (Computer Knowledge & Hindi Typing Posts) Combined Competitive Exam 2017  for the recruitment of 2808 Lower Division Clerk, Panchayat Secretary & Stenographer vacancies. Eligible candidates may apply online from 02-05-2017 to 15-06-2017 till 11:59 PM. Other details like age limit, educational qualification, selection process & how to apply are given below…











JSSC Vacancy Details:
Total No. of Posts: 2808
Name of the Exam: Intermediate Std (Computer Knowledge & Hindi Typing Posts) Combined Competitive Exam 2017
Name of the Post:
1. Lower Division Clerk: 1245 Posts
2. Panchyat Secretary: 1539 Posts
3. Stenographer: 24 Posts

Age Limit: Candidates age limit should be between 18 – 40 years for General, 18 – 35 years for OBC I & BC II, 18 – 37 years for SC/ ST candidates as on 25-01-2016.

Educational Qualification: Candidates should have passed Intermediate/ 10+2 Exam with typing speed in Hindi 25 wpm on Computer for Post No. 01, Intermediate/10+2 Exam and Knowledge of Computer for Post No. 02 & passed Intermediate/ 10+2 Exam with steno speed 100 wpm and typing speed in Hindi 30 wpm for Post No. 03.

Selection Process: Candidates will be selected based on written exam and typing test.

Application Fee: Candidates should pay Rs. 460/- for General/ OBC candidates & Rs. 125/- fo SC/ ST Candidates through online. For more fee details refer the notification.

How to Apply: Eligible candidates may apply online through the website http://www.jssc.in/ from 02-05-2017 to 15-06-2017 till 11:59 PM.

Instructions to Apply Online:
1. Candidates log on the website http://www.jssc.in/
2. Click on “Online Application for IS (CKHT) CCE – 2017″.
3. Read all instructions log in your self & fill the details in online application.
4. Check once before submit the form.
5. After submission, take a print of online application for future use.

Important Dates:
Starting Date to Apply Online: 02-05-2017
Last Date to Apply Online: 15-06-2017 till 11:59 PM.

Saturday, 6 May 2017

UPSC 2016 HISTORY SOLVED WITH EXPLAIN.UPSC 2016 इतिहास व्याख्या के साथ हल


पृथ्वी की आंतरिक संरचना को जानने के स्रोत


पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी देने  वाले स्रोतों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है
अप्राकृतिक
प्राकृतिक    

अप्राकृतिक स्रोत -
घनत्व- पृथ्वी के भूपटल का अधिकांश भाग  अवसादी चट्टानों का बना है, जिनका घनत्व लगभग 2.7g cm-3 है| इसके नीचे आग्नेय चट्टाने हैं जिनका घनत्व 3gcm- 3 से 3.5gcm-3 के लगभग है|
घनत्व के अधिक होने का संभावित कारण पृथ्वी के आंतरिक भाग को भारी पदार्थों  जैसे लोहा एवं निकेल का बना हुआ माना गया है|

दबाव- पृथ्वी के अंतरतम के अधिक घनत्व के लिए  अंदर की ओर जाने पर बढ़ते हुए दबाव को उत्तरदाई माना जाता है, लेकिन आधुनिक प्रयोगों से यह स्पष्ट है कि प्रत्येक  चट्टान की एक सीमा होती है, जिससे अधिक उसका  घनत्व नहीं हो सकता चाहे दबाव कितना भी अधिक क्यों न कर दिया जाए|

तापमान- पृथ्वी की बाह्य सतह से नीचे  गहराई में जाने पर तापमान में   औसतन  32 मीटर की गहराई पर 1 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि होती है, लेकिन गहराई के साथ तापमान में  वृद्धि की दर धीमी हो जाती है| इसका कारण रेडियो सक्रिय पदार्थों का केवल पृथ्वी की ऊपरी परतों में    सकेंद्रन  है |

प्राकृतिक स्त्रोत-इसके अंतर्गत ज्वालामुखी  उद्गार एवं भूकंप विज्ञान के  साक्षयो का प्रयोग पृथ्वी की संरचना को समझने के लिए किया जाता है|

ज्वालामुखी उद्गार- ज्वालामुखी उद्भेदन के समय बड़ी मात्रा में लावा पृथ्वी के आंतरिक भागों से निकलता है| अधिकांश  ज्वालामुखी का स्त्रोत 40 से 50 किलोमीटर की गहराई पर है| अतः ज्वालामुखी उद्गार से निकले मेग्मा से पृथ्वी के आंतरिक संरचना का पता लगता है|

भूकंपीय तरंगे- भूकंपीय तरंगे मुख्यता दो प्रकार की होती है-
भूगर्भिक तरंगे( P व S  तरंगे) तथा धरातलीय तरंगे(L तरंग) भूगर्भिक तरंगे भूकंप के उद्गम केंद्र से ऊर्जा मुक्त होने के दौरान उत्पन्न होती है एवं पृथ्वी के आंतरिक भागों से सभी दिशाओं में प्रसारित होती है

Friday, 5 May 2017

UPSC 2016 HISTORY SOLVED WITH EXPLAIN .UPSC 2016 इतिहास के प्रश्न का हल व्याख्या के साथ |

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