पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी देने वाले स्रोतों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है
अप्राकृतिक
प्राकृतिक
अप्राकृतिक स्रोत -
घनत्व- पृथ्वी के भूपटल का अधिकांश भाग अवसादी चट्टानों का बना है, जिनका घनत्व लगभग 2.7g cm-3 है| इसके नीचे आग्नेय चट्टाने हैं जिनका घनत्व 3gcm- 3 से 3.5gcm-3 के लगभग है|
घनत्व के अधिक होने का संभावित कारण पृथ्वी के आंतरिक भाग को भारी पदार्थों जैसे लोहा एवं निकेल का बना हुआ माना गया है|
दबाव- पृथ्वी के अंतरतम के अधिक घनत्व के लिए अंदर की ओर जाने पर बढ़ते हुए दबाव को उत्तरदाई माना जाता है, लेकिन आधुनिक प्रयोगों से यह स्पष्ट है कि प्रत्येक चट्टान की एक सीमा होती है, जिससे अधिक उसका घनत्व नहीं हो सकता चाहे दबाव कितना भी अधिक क्यों न कर दिया जाए|
तापमान- पृथ्वी की बाह्य सतह से नीचे गहराई में जाने पर तापमान में औसतन 32 मीटर की गहराई पर 1 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि होती है, लेकिन गहराई के साथ तापमान में वृद्धि की दर धीमी हो जाती है| इसका कारण रेडियो सक्रिय पदार्थों का केवल पृथ्वी की ऊपरी परतों में सकेंद्रन है |
प्राकृतिक स्त्रोत-इसके अंतर्गत ज्वालामुखी उद्गार एवं भूकंप विज्ञान के साक्षयो का प्रयोग पृथ्वी की संरचना को समझने के लिए किया जाता है|
ज्वालामुखी उद्गार- ज्वालामुखी उद्भेदन के समय बड़ी मात्रा में लावा पृथ्वी के आंतरिक भागों से निकलता है| अधिकांश ज्वालामुखी का स्त्रोत 40 से 50 किलोमीटर की गहराई पर है| अतः ज्वालामुखी उद्गार से निकले मेग्मा से पृथ्वी के आंतरिक संरचना का पता लगता है|
भूकंपीय तरंगे- भूकंपीय तरंगे मुख्यता दो प्रकार की होती है-
भूगर्भिक तरंगे( P व S तरंगे) तथा धरातलीय तरंगे(L तरंग) भूगर्भिक तरंगे भूकंप के उद्गम केंद्र से ऊर्जा मुक्त होने के दौरान उत्पन्न होती है एवं पृथ्वी के आंतरिक भागों से सभी दिशाओं में प्रसारित होती है
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